Exclusive: विपक्षी दलों की बैठक के पहले मसौदा हुआ लीक

पटना में 23 जून को विपक्षी दलों के टॉप लीडरों की बैठक के पहले नौकरशाही डॉट कॉम को उसके मसौदे की कुछ खास जानकारियां हाथ लगी हैं.

इर्शादुल हक, संपादक, नौकरशाही डॉट कॉम

पटना में 23 जून को विपक्षी दलों के टॉप लीडरों की बैठक के पहले नौकरशाही डॉट कॉम को उसके मसौदे की कुछ खास जानकारियां हाथ लगी हैं. गौरतलब है कि नीतीश कुमार की पहल पर भाजपा के खिलाफ एक मजबूत मोर्चा के गठन के सिलसिले में पटना में बैठक होने वाली है.

इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकाजुर्जन खडगे व राहुल गांधी, तृणमूल कांग्रेस की ममता बनर्जी, आम आदमी पार्टी से अरविंद केजरीवाल, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट नेता सीताराम येचुरी, सीपीआई के डी राजा, समाजवादी पार्टी से अखिलेश यादव, तमिल नाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, एनसीपी के शरद पवार, शिवसेना के उद्धव ठाकरे, झामुमो के हेमंत सोरेन समेत कुछ और दलों के प्रमुख नेता शामिल हो रहे हैं. जबकि बिहार से राजद प्रमुख लालू प्रसाद व जदयू से नीतीश कुमार तो रहेंगे ही.

इस बैठक में 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ एक व्यापक मोर्चा के गठन पर चर्चा होगी. इस बैठक में भाजपा को सत्ता से बेदखल करने के लिए हर संभव विकल्पों पर फैसला लिया जाना है.

लेकिन इस संबंध में आम लोगों की उत्सुकता यह है कि आखिर भाजपा के खिलाफ विपक्षी दलों में किस हद तक सहमति बन पायेगी. उधर भारतीय जनता पार्टी के नेता इस बैठक का मजाक उड़ाते हुए यह प्रचारित कर रहे हैं कि अन्य राज्यों के नेता पटना की लिट्टी और चोखा खाने आ रहे हैं.

लेकिन भाजपा के मजाक को दर किनार कर दें तो जिस तरह से विपक्षी एकता के लिए प्रयास करने वाले टॉप लीडरों ने रणनीति बनायी है उससे लगभग यह तय सा है कि कोई 100-150 सीटें जो विवादित हैं और जिन पर आपसी खीच तान है, उन सीटों के कारण आपसी एकता पर नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ने वाला.

क्या है मसौदा

इस बीच नौकरशाही डॉट काम को इस प्रस्तावित बैठक से पहले विचार किये जाने वाले मसौदे के कुछ ठोस अंश हाथ लगा है.

बैठक की रणनीति बनाने वालों के निकट के टॉप सूत्र का कहना है कि इस बैठक में लोकसभा की कुल 543 सीटों पर सहमति बनाने के बजाये 400-450 सीटों पर सहमति बनाने की कोशिश की जायेगी. इसके तहत यह प्रयास किया जायेगा कि भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ कम अज कम 400-450 ऐसी सीटें चिन्हित की जायें जहां उसके खिलाफ वन टु वन फाइट किया जा सके. इस मसौदे पर कुछ अगर व मगर को छोड़ कर करीब करीब सभी दल सहमत होते दिख रहे हैं.

जिन 90 से 150 सीटों पर विपक्षी दलों के बीच खीचतान है उनमें से अधिक तर पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पंजाब के अलावा दक्षिण के कुछ राज्य भी हैं.

दर असल पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी, उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव, दिल्ली व पंजाब में अरविंद केजरीवाल की अपनी कुछ खास शर्तें हैं. इन तमाम दलों का सीधा कांग्रेस से विवाद है. हालांकि इस बैठक में कांग्रेस समेत अन्य दलों को आपसी सहमति के लिए अब भी कुछ फार्मुले तलाशने को कहा जा रहा है.

दर असल कांग्रेस और सहयोगी क्षेत्रीय दलों के बीच सीट शेयरिंग की कुछ चुनौतियां हैं. राजद, जदयू के रणनीतिकार इस संबंध में एक फार्मुला पर काफी मशक्कत कर रहे हैं. यह फार्मुला लोकसभा में लो और विधानसभा में दो का है. राजद चाहता है कि कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में क्षेत्रीय दल कांग्रेस के लिए त्याग कर सकते हैं लेकिन इसके लिए कांग्रेस को विधानसभा चुनाव में दरियादिली दिखानी पड़ेगी. इस फार्मुला के तहत पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस, बिहार में राजद-जदयू और उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी को विधानसभा चुनाव में ज्यादा सीटें मिल सकती हैं.

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