आचार संहिता लागू होने पर IAS को रथ प्रभारी बनाना गलत : Ex CEC

आचार संहिता लागू होने पर IAS को रथ प्रभारी बनाना गलत : Ex CEC। चुनाव वाले राज्यों में सत्ताधारी दल को मिलेगा लाभ। इंडिया गठबंधन ने किया विरोध।

पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी मे कहा कि देश के पांच राज्यों में आचार संहिता लागू है। ऐसी स्थिति में केंद्र सरकार की योजनाओं का अधिकारी प्रचार करेंगे तो इसका चुनाव में सत्ताधारी दल को लाभ मिलेगा। आचार संहिता लागू होने के बाद ऐसा आदेश देना गलत है। उधर इंडिया गठबंधन के सभी प्रमुख दलों ने केंद्र की मोदी सरकार के इस निर्णय का विरोध किया है।

मालूम हो कि 17 अक्टूबर को मोदी सरकार ने सभी मंत्रालयों को सर्कुलर जारी करके आदेश दिया है, जिसमें अधिकारियों के नाम बताने को कहा गया है, जो पंचायत स्तर पर जा कर केंद्र सरकार की उपलब्धियों का प्रचार करेंगे। सर्कुलर में कहा गया है कि देश के सभी 765 जिलों में ग्राम पंचायत स्तर तक संयुक्त सचिव/निदेशक/उप सचिव स्तर के अधिकारियों को 20 नवंबर 2023 से 25 जनवरी, 2024 के बीच मोदी सरकार की ‘पिछले नौ वर्षों की उपलब्धियों को दिखाने/जश्न मनाने’ के लिए ‘जिला रथ प्रभारी (विशेष अधिकारी)’ के रूप में तैनात करने के लिए नामित करें।

इंडिया गठबंधन के दलों कांग्रेस राजद, सीपीएम सहित कई दलों ने केंद्र सरकार के आदेश का विरोध जताया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़ग ने प्रधानमंत्री को पत्र लिख कर विरोध जताया है। सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि आजाद भारत के इतिहास में नौकरशाही का इस तरह सत्ता के लिए इस्तेमाल कभी नहीं हुआ। राजद सांसद मवोज झा ने प्रधानमंत्री मोदी की सेना के जवानों के साथ तस्वीर शेयर करते हुए तंज कसा है कि न जाने यह कब रुकेगा।

द वायर के अनुसार 21 अक्टूबर को केंद्र सरकार में पूर्व सचिव ईएएस शर्मा ने भारतीय निर्वाचन आयोग (ईसीआई) को तुरंत हस्तक्षेप करने और आदेश को रद्द करने के लिए पत्र लिखा है। उनका कहना था, ‘मुझे मिली जानकारी के अनुसार, उपरोक्त निर्देश तब जारी किए गए थे जब आदर्श आचार संहिता पहले ही लागू हो चुकी थी और, इस तरह ऐसा करना बेशर्मी से इसका उल्लंघन करने के समान हैं, क्योंकि वे विपक्षी राजनीतिक दलों के मुकाबले में एनडीए सरकार को फायदा देने स्थिति में रखते हैं, जो चुनाव को प्रभावित करने वाली गतिविधि के लिए सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग है।’

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By Editor