बिहार में एकसाथ खुल गए 44 साइबर थाने, जानिए क्या होगा फायदा

बिहार के DGP आरएस भट्टी बिहार पुलिस को नया तेवर देने में जुटे हैं। अब एकसाथ खुले 44 साइबर थाने। इन थानों के नाम क्या होंगे और आम लोगों को क्या होगा फायदा?

बिहार में ऑनलाइन ठगी पर शिकंजा कसने के लिए बिहार पुलिस ने बड़ा कदम उठाया है। शुक्रवार को राज्य के हर जिले में साइबर थाने खुल गए। राज्य के चार रेल जिलों में भी साइबर थाना खुले हैं। आइए, पहले यह जान लें कि ये साइबर थाने किस तरह काम करेंगे, इनके नाम और काम क्या होंगे।

सभी साइबर थानों को उनके जिले के साइबर पुलिस थाना के नाम से जाना जाएगा जैसे पटना लाइबर थाना, भागलपुर साइबर थाना, दरभंगा साइबर थाना आदि। साइबर पुलिस थाना के द्वारा जिला के अन्य थाना में साइबर से संबंधित कांडों में आवश्यक तकनीकी सहयोग प्रदान किया जाएगा। साइबर अपराध से पीड़ित व्यक्ति अपनी शिकायत कहीं भी दर्ज करा सकता है। ऐसे सभी मामलों में घटनास्थल साइबर स्पेस माना जाएगा। जिले में पूर्व से चल रहे सामान्य थानों में भी साइबर अपराध से संबंधित प्राथमिकी दर्ज कराई जा सकती है। अब कोई थानाध्यक्ष घटनास्थल के आधार पर प्राथमिकी दर्ज करने से इनकार नहीं कर सकता है।

साइबर थाना खुलने से सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि मान लीजिए आप कटिहार के निवासी हैं और किसी काम से पटना आए। वहां साइबर अपराधियों ने आपके खाते से पैसे उड़ा लिये, रुपए ठग लिये और आपको इसकी जानकारी वापसी में रास्ते में हुई, तो आप कटिहार पहुंच कर भी मामला दर्ज करा सकते हैं। पुलिस यह नहीं कह सकती कि घटनास्थल पटना है इसलिए मामला दर्ज नहीं करेंगे। ऐसा होने पर पब्लिक को दूसरा फायदा यह होगा कि जल्द कार्रवाई होगी और पब्लिक को परेशानी कम होगी।

पटना में साइबर थाना ललित भवन के बगल में पुराने एफएशएळ भवन में खोला गया है। यहां एक डीएसपी अनुराधा सिंह की नियुक्त की गई है। सभी 44 साइबर थानों में डीएसपी रैंक के अधिकारी की नियुक्ति की गई है। इसके साथ ही इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी किसी भी साइबर अपराध के जांचकर्ता होंगे। मालूम हो कि हाल के दिनों में साइबर अपराध में तेजी से वृद्धि हुई है।

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