प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यों की चयन समिति ने गुरुवार को दो नए चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति कर दी। लोकसभा में विपक्ष के सदस्य कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने अपना विरोध दर्ज किया है। उन्होंने कहा कि जिन नामों पर विचार किया गया, उनकी सूची उन्हें पहले नहीं दी गई। उन्होंने कहा कि वे सूची की मांग कर चुके थे, पर उन्हें बैठक से पहले उपलब्ध नहीं कराया गया। कहा कि सरकार ने बुधवार को 212 अधिकारियों के नाम भेजे थे, लेकिन नियुक्ति से दस मिनट पहले मुझे नाम बताए गए। इतने कम समय में मेरे लिए कुछ कहना मुश्किल था। सरकार ने जिसे चाहा, उसे चुन लिया।

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मालूम हो कि तीन सदस्यों वाले चुनाव आयोग के एक सदस्य अरुण गोयल ने हाल में अचानक पद से इस्तीफा दे दिया था। उनके इस्तीफे की वजह आज भी पहली बनी हुई है। एक और चुनाव आयुक्त अनूप पांडेय 15 फरवरी को रिटायर हो गए थे। उसके बाद आयोग में सिर्फ एक ही सदस्य रह गए थे, जबकि चुनाव नजदीक है। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल एक फैसला दिया था, जिसमें चुनाव आयुक्तों के मनोनयन के लिए प्रधानमंत्री, विपक्ष के नेता तथा मुख्य न्यायाधीश की कमेटी को अधिकार दिया गया था। बाद में केंद्र सरकार ने कानून बना कर कमेटी से चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को बाहर कर दिया था। दो दिन पहले सुप्रीम कोर्ट में सरकार के उस फैसले को चुनौती देते हुए याचिका दायर की गई, जिस पर 15 मार्च को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई है। इस बीच आज प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली कमेटी ने दो आयुक्तों का मनोनयन कर दिया।

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By Editor