लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी आज तीसरी बार मणिपुर पहुंचे। वे दिन भर राहत शिविरों में रह रहे पीड़ितों से मुलाकात करते रहे। उनके दुख सुने। शाम को वे राज्यपाल से भी मिले। आखिर में उन्होंने प्रेस को संबोधित किया। कहा कि एक साल बाद स्थिति में जो सुधार होना चाहिए था, वह बिल्कुल नहीं हुआ है। मणिपुरवासियों से कहा कि समझिए उनका भाई आया है, जो मणिपुर में शांति चाहता है। उन्होंने कहा कि वे मणिपुर के सवाल पर राजनीति नहीं करना चाहते। मणिपुर को शांति चाहिए। हिंसा से किसी का भला नहीं होगा। राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की कि वे मणिपुर आएं और लोगों का दर्द सुनें। आखिर मणिपुर हमारा ही एक महान प्रदेश है। उसे इस हालत में नहीं छोड़ा जा सकता। कहा कि पूरा देश चाहता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मणिपुर आकर जनता की बात सुनें, ताकि लोगों को एक भरोसा मिले। कांग्रेस पार्टी राज्य में शांति स्थापित करने के लिए हर मदद को तैयार है।
राहुल गांधी ने कहा कि वे विपक्ष में हैं और उनका काम सरकार पर दबाव बनाना है और इसका असर भी होगा। जो मणिपुर में हुआ, वह देश में कहीं नहीं हुआ है। मणिपुर आज एक प्रदेश रहते हुए भी पूरी तरह दो भागों में बंट गया है। पहले की तरह शांति लाने के लिए कांग्रेस हर कदम उठाने को तैयार है।
राहुल गांधी ने कहा कि उन्होंने राज्यपाल से भी मुलाकात की और कहा है कि राज्य में शांति स्थापित करने के लिए कांग्रेस पार्टी हर तरह से मदद करने को तैयार है।
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कांग्रेस ने कहा कि मणिपुर हिंसा के बाद ये उनका तीसरा दौरा है। वे मणिपुर के अलग-अलग राहत कैंप में जाकर हिंसा पीड़ितों से मिल रहे हैं। उन्हें सुन रहे हैं, उनके आंसू पोछ रहे हैं, उनका दर्द बांट रहे हैं। मणिपुर पिछले एक साल से हिंसा की आग में जल रहा है। हजारों घर जला दिए गए हैं, सैकड़ों लोगों की मौत हो गई है। महिलाओं की अस्मत लूटी जा रही है। जीवन तबाह हो गया है। ऐसे मुश्किल हालात में उम्मीद ही लोगों की सबसे बड़ी ताकत होती है। उम्मीद कि इस अंधेरे के बाद रोशनी आएगी। उम्मीद कि सब ठीक हो जाएगा। जननायक राहुल गांधी लोगों की वही उम्मीद बनकर मणिपुर गए हैं। वे लोगों को भरोसा दिला रहे हैं कि ये बुरा वक्त भी बीत जाएगा। यकीन दिला रहे हैं कि हम साथ मिलकर मणिपुर की खुशियां वापस ले आएंगे। हम साथ मिलकर हिंसा और नफरत को हरा देंगे।