PM ने पसमांदा में जाने कहा, दोनों सदन में मुस्लिममुक्त हुई BJP

तीन दिन पहले प्रधानमंत्री मोदी ने भाजपा कार्यकारिणी में पसमांदा मुसलमानों को पार्टी से जोड़ने पर जोर दिया, तो आज दोनों सदन में मुस्लिममुक्त हो गई BJP।

आज अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने केंद्रीय मंत्रिमंडल से इत्सीफा दे दिया। यह भी अजीब संयोग है कि तीन दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हैदराबाद में भाजपा कार्यकारिणी की बैठक में पसमांदा मुसलमानों पर फोकस देने का आह्वान किया था। और आज भाजपा लोकसभा और राज्यसभा में मुस्लिमविहीन हो गई। भाजपा के एकमात्र मुस्लिम प्रतिनिधि मुख्तार अब्बास नकवी राज्यसभा के सदस्य थे। वे केंद्रीय मंत्रिमंडल में एकमात्र मुस्लिम सदस्य भी थे।

आज मंत्रिमंडल की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्तार नकवी और बिहार के आरसीपी सिंह के योदगान की सराहना की। उसके बाद ही स्पष्ट हो गया था कि दोनों मंत्रिमंडल के सदस्य नहीं रहेंगे। उसके बाद अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार नकवी और बिहार के आरसीपी सिंह ने केंद्रीय मंत्रिमंडल से त्यागपत्र दे दिया।

राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि मुख्तार अब्बास को भाजपा कोई बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है। यह जिम्मेदारी क्या होगी, इस पर तरह-तरह की अटकलबाजी हो रही है। उन्हें उपराष्ट्रपति बनाने की भी चर्चा है।

लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों में भाजपा के एक भी मुस्लिम सदस्य का न होना पार्टी पर सवाल की तरह लटका रहेगा। भाजपा खुद को दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी होने का दावा करती है, वह सबका साथ का नारा भी देती है, फिर ये कैसा सबका साथ है कि उसका एक भी मुस्लिम सदस्य दोनों सदन में नहीं है। दोनों सदनों में भाजपा के 395 सदस्य हैं।

हैदराबाद में प्रधानमंत्री ने न सिर्फ पसमांदा मुस्लिम बल्कि सभी वंचित और पीछे रह गए लोगों के बीच जाने पर जोर दिया था, जिसका अर्थ यह बताया गया कि पार्टी पसमांदा मुसलमानों के साथ ही ईसाइयों में भी प्रभाव बढ़ाने की कोशिश करेगी। लेकिन अब दोनों सदनों में एक भी मुस्लिम प्रतिनिधि नहीं है, फिर वह किस प्रकार उन्हें राजनीतिक प्रतिनिधित्व देने की बात करेगी?

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