राजस्थान भाजपा में बगावत, मोदी-शाह का प्रयोग फेल

राजस्थान भाजपा में बगावत, मोदी-शाह का प्रयोग फेल। सांसदों को विस का टिकट देने से विद्रोह। 12 सीटों पर बगावत। राज्यवर्धन सिंह राठौड़ वापस जाओ के लगे नारे।

राजस्थान भाजपा में बगावत हो गई है। पहले से नाराज पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया के समर्थक तथा जिन विधायकों का टिकट काटा गया है, उनमें से कई ने विद्रोह कर दिया है। भाजपा सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ तथा विजय बैंसला को विधानसभा चुनाव का प्रत्याशी बनाने का विरोध सड़क दिख रहा है। दोनों नेताओं के खिलाफ वापस जाओ के नारे लगे हैं। भाजपा ने विधानसभा चुनाव के लिए पहली सूची जारी की है, जिसमें 41 प्रत्याशियों के नाम घोषित किए गए हैं। इनमें सात सांसद हैं। अन्य सांसदों को भी विधानसभा चुनाव में उतारने की खबर है। इससे नाराज कई नेताओं ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है।

भाजपा ने विद्याधर नगर से वर्तमान विधायक नरपत सिंह राजवी का टिकट काट दिया है। वे यहां से तीन बार विधायक चुने गए है। उनकी जगह पार्टी ने राजसमंद से सांसद दिया कुमारी को टिकट दिया है। यहां के विधायक ने राजकुमारी दिया कुमारी के खिलाफ खुलेआम बगावत कर दी है। उन्होंने कहा कि दिया कुमारी के पूर्वजों का संबंध मुगल शासकों से रहा है। उनके पूर्वज मान सिंह अकबर के नौरत्नों में शामिल थे।

भरतपुर जिले की नगर से दो बार की विधायक रह चुकीं अनिता सिंह गुर्जर ने साफ-साफ कहा कि वसुंधरा राजे का समर्थक होने के कारण उनका टिकट काट दिया गया है। उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है। इसी तरह बानसून से पूर्व मंत्री रोहिताश्व शर्मा को टिकट नहीं दिया है। वह भी राजे समर्थक माने जाते हैं। अब भाजपा में बगावत सड़क पर दिखने लगा है। एक विधायक ने टिकट कटने के बाद समर्थकों की बैठक बुलाई, जिसमें वे रो पड़े। उन्होंने भी बगावत के संकेत दिए हैं।

भाजपा नेतृत्व ने सांसदों को विधानसभा चुनाव में उतार कर बड़ा दांव खेला गया, लेकिन यह उल्टा पड़ गया है। जगह-जगह विरोध के स्वर फूट पड़े हैं। पहले से ही वसुंधरा नाराज चल रही थीं। उन्हें मुख्यमंत्री का चेहरा नहीं बनाया गया। वे समानांतर मंदिरों का दौरा करती रहीं और अपनी ताकत का प्रदर्शन करती रहीं।

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